नई दिल्ली, 16 सितंबर 2025 — सुप्रीम कोर्ट में आज एक भावुक क्षण देखने को मिला जब बार और बेंच दोनों ने वरिष्ठ अधिवक्ता कर्नल आर. बालासुब्रमण्यम के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। ‘कर्नल बाला’ के नाम से प्रसिद्ध, वे न केवल एक प्रतिष्ठित वकील थे, बल्कि भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी भी रहे। उनका 13 सितंबर को एम्स दिल्ली में हृदय संबंधी बीमारी के कारण निधन हो गया।
👨⚖️ न्यायपालिका की भावनात्मक प्रतिक्रिया
- जस्टिस सूर्यकांत, जो भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश बनने की दौड़ में हैं, ने सुनवाई शुरू होते ही कहा, “कर्नल बाला एक अद्भुत व्यक्ति और अच्छे इंसान थे। सैन्य मामलों में उनकी विशेषज्ञता ने हमें कई बार मार्गदर्शन दिया। यह एक बहुत बड़ी क्षति है।”
- जस्टिस केवी विश्वनाथन ने NDTV से बातचीत में कहा, “उनका मिलनसार स्वभाव और मददगार दृष्टिकोण उन्हें सभी के बीच प्रिय बनाता था। सेना से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक उनका सफर प्रेरणादायक रहा।”
- पूर्व CJI डी.वाई. चंद्रचूड़ ने उन्हें याद करते हुए कहा, “उनकी अनुशासनप्रियता और न्याय के प्रति समर्पण ने उन्हें विशेष बनाया। मैं उन्हें हमेशा ‘कर्नल बाला’ कहकर संबोधित करता था, क्योंकि वह इस नाम के योग्य थे।”
⚖️ बार की ओर से श्रद्धांजलि
- सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उन्हें एक सच्चे मित्र और भरोसेमंद इंसान बताया। “उनकी मुस्कान और बातों में सच्चाई थी।”
- SCAORA के वाइस प्रेसिडेंट अमित शर्मा ने कहा, “वह संभवतः देश के एकमात्र वरिष्ठ वकील थे जिन्हें विशिष्ट सेवा पदक मिला। कोर्ट रूम और क्रिकेट मैदान दोनों में उनकी पारी शानदार रही।”
🌟 एक विरासत जो जीवित रहेगी
कर्नल बाला की पहचान सिर्फ एक वकील के रूप में नहीं थी, बल्कि एक ऐसे व्यक्ति के रूप में थी जो सशस्त्र बलों के मामलों में गहरी समझ रखते थे और न्याय के प्रति समर्पित थे। उनकी मुस्कराहट, उनकी विनम्रता और उनका ज्ञान सुप्रीम कोर्ट की दीवारों में वर्षों तक गूंजता रहेगा।
अगर आप चाहें, मैं इस श्रद्धांजलि को एक भावनात्मक लेख या स्मृति-निबंध में भी बदल सकता हूँ।