Tuesday, July 1, 2025
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बांग्लादेश ने भारत को दिया जवाब: ‘हमारे अल्पसंख्यकों की चिंता न करे’

बांग्लादेश और भारत के बीच हाल ही में राजनयिक बयानबाजी तेज़ हो गई है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के सलाहकार तौहिद हुसैन ने कहा कि उनका देश आपसी सम्मान और साझा हितों की बुनियाद पर भारत से बेहतर संबंध चाहता है।

जयशंकर का बयान और बांग्लादेश की प्रतिक्रिया

22 फरवरी 2025 को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में एस. जयशंकर ने कहा था कि बांग्लादेश को तय करना होगा कि उसे भारत से कैसे संबंध रखने हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश लगातार अपने आंतरिक मुद्दों के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराता है, जिससे दोनों देशों के रिश्तों पर असर पड़ता है।

तौहिद हुसैन का जवाब

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के सलाहकार तौहिद हुसैन ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा:

“बांग्लादेश आपसी सम्मान और साझा हितों पर आधारित अच्छे संबंध चाहता है। हमारे इस रुख में कोई अस्पष्टता नहीं है।”

उन्होंने भारत में शेख़ हसीना की मौजूदगी और उनके बयानों पर भी सवाल उठाए और कहा कि इससे दोनों देशों के संबंधों को नुकसान हो सकता है।

बांग्लादेश का अल्पसंख्यक मुद्दे पर रुख

जयशंकर ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर चिंता जताई थी, जिस पर तौहिद हुसैन ने कहा:

“अल्पसंख्यक भी बांग्लादेश के नागरिक हैं और उन्हें समान अधिकार प्राप्त हैं। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि उनके अधिकार सुरक्षित रहें। भारत को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए।”

शेख़ हसीना का मामला और प्रत्यर्पण विवाद

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना भारत में रह रही हैं, जिसे लेकर बांग्लादेश सरकार ने उनका प्रत्यर्पण मांगा है। इस पर तौहिद हुसैन ने कहा:

“हमारी प्रत्यर्पण संधि के तहत हमने कई अभियुक्तों को भारत को सौंपा है। हमें उम्मीद है कि भारत भी इस संधि का पालन करेगा और शेख़ हसीना को बांग्लादेश को सौंपेगा।”

भारत और बांग्लादेश के रिश्तों पर असर

भारत और बांग्लादेश 4,000 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं, और दोनों देशों के बीच व्यापारिक और सामरिक संबंध काफी महत्वपूर्ण हैं। हालिया विवाद से दोनों देशों के सीमावर्ती इलाकों में तनाव बढ़ सकता है।

विषयभारत का रुखबांग्लादेश का रुख
अल्पसंख्यक सुरक्षाचिंता जताईआंतरिक मामला बताया
शेख़ हसीनाकोई आधिकारिक बयान नहींप्रत्यर्पण की मांग
द्विपक्षीय संबंधस्पष्ट नीति की मांगआपसी सम्मान पर जोर

निष्कर्ष

भारत और बांग्लादेश के बीच हालिया कूटनीतिक बयानबाजी से साफ है कि दोनों देशों को अपने संबंधों को और मजबूत करने के लिए बातचीत को प्राथमिकता देनी होगी। भारत की चिंता जायज़ हो सकती है, लेकिन बांग्लादेश इसे आंतरिक मामला मानता है। आने वाले समय में इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच बातचीत से कोई समाधान निकल सकता है।

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