हर वेतनभोगी का सपना होता है कि उसका अपना घर हो। महंगाई के इस दौर में, अपने घर का सपना साकार करना आसान नहीं, लेकिन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के हालिया बदलावों ने इस दिशा में बड़ी सहूलियतें दी हैं। अगर आप भी अपने पीएफ़ (Provident Fund) के पैसे से घर खरीदना चाहते हैं, तो 2025 में लागू हुए नए नियम आपके लिए बहुत काम के हैं। आइए, इन बदलावों को विस्तार से समझें – कि आपके लिए घर खरीदना कैसे आसान होगा, आप पीएफ़ से कितनी रकम निकाल सकते हैं, क्या-क्या शर्तें हैं, और पूरे प्रॉसेस की जानकारी।
ईपीएफ़ और इसके फंड जमा की प्रक्रिया क्या है?
कर्मचारी भविष्य निधि यानी Employees’ Provident Fund (EPF) भारत के लगभग हर वेतनभोगी कर्मचारी का मुख्य रिटायरमेंट फंड होता है। इसमें कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12% और कंपनी की ओर से भी इतना ही कटता है। कंपनी द्वारा जमा कुल राशि का 8.33% कर्मचारियों के पेंशन अकाउंट (EPS) में और बाकी 3.67% पीएफ़ फंड में जाता है।
सरकार ने पेंशन योग्य बेसिक सैलरी की अधिकतम सीमा 15,000 रुपये तय की है; यानी इससे कम बेसिक सैलरी वालों को ईपीएफ़ पेंशन का लाभ मिलता है। आपके खाते में जमा पीएफ़ रकम रिटायरमेंट तक एकत्रित होती है, जिस पर ब्याज भी मिलता है।
नए नियम – आपके लिए कैसे हैं फायदेमंद?
1. अब अधिक राशि निकासी की सुविधा
2025 में हुए नियम बदलाव के अनुसार, अब ईपीएफ़ सदस्य अपने खाते में जमा रकम का 90% तक घर खरीदने, बनाने या होम लोन की ईएमआई चुकाने के लिए निकाल सकते हैं। यह निकासी पहले से कहीं अधिक है; पूर्व में यह सीमा कर्मचारी के खाते में पिछले 36 महीनों की कुल जमा राशि तक ही सीमित थी।
इस खास सुविधा का लाभ आप अपने जीवन में केवल एक बार, यानी जब आप पहली बार घर खरीद (First Home Buyer) रहे हों तब ही ले सकते हैं।
2. सेवा की न्यूनतम अवधि घटाई
पुराने नियमों के अंतर्गत पीएफ़ से घर के लिए पैसा निकालने के लिए एक कर्मचारी को कम-से-कम 5 साल लगातार सेवा करनी होती थी। नए नियमों के तहत, ईपीएफ़ सदस्य को केवल 3 साल के कार्यकाल के बाद ही यह अहम सुविधा मिल सकती है। यानी अब आप पहले की तुलना में जल्दी अपना घर खरीदने का सपना पूरा कर सकते हैं।
3. किन-किन जरूरतों के लिए पैसा निकाल सकते हैं?
अब पीएफ़ की रकम आप निम्नलिखित मकसद के लिए निकाल सकते हैं—
- नया घर खरीदने के लिए डाउन पेमेंट
- रेडीमेड प्रॉपर्टी की पेमेंट
- खुद के मकान की कंस्ट्रक्शन
- होम लोन की ईएमआई या प्री-पेमेंट
- संबंधित सरकारी अथवा प्राइवेट हाउसिंग सोसाइटी की स्कीम में इन्फ्रास्ट्रक्चर खर्च
4. ऑटो सेटलमेंट और तत्काल निकासी
- इमरजेंसी (Emergency) जरूरत में अब एक लाख रुपये तक की राशि आप यूपीआई, एटीएम आदि चैनलों से काफी कम समय में निकाल सकते हैं — बशर्ते आपका UAN एक्टिव और KYC पूरा हो।
- ऑटो सेटलमेंट लिमिट भी बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। यानी अब 5 लाख तक की क्लेम राशि मैन्युअल चेकिंग के बिना, सीधे 72 घंटे के भीतर खाते में मिल जाती है। इससे मेडिकल, शादी या दूसरी अर्जेंट ज़रूरतों पर तात्कालिक मदद मिल सकती है।
5. ऑनलाइन प्रक्रिया और आसान वेरिफिकेशन
- अब क्लेम के लिए चेकबुक या बैंक पासबुक की फोटोकॉपी अपलोड करना जरूरी नहीं। आपके KYC वेरीफाइड होने पर सीधे प्रक्रिया पूरी हो सकती है।
- बैंक डिटेल की अपडेटिंग में भी नियोक्ता (एम्प्लॉयर) की जरूरत खत्म कर दी गई है। अब खुद कर्मचारी ही आधार OTP के जरिए बैंक अकाउंट अपडेट कर सकते हैं।
- EPFO ने क्लेम वेरिफिकेशन पैरामीटर 27 से घटाकर 18 कर दिए हैं, जिससे 95% से अधिक क्लेम 3-4 दिन में निपटाए जा रहे हैं।
पीएफ़ से निकासी की मुख्य शर्तें और सावधानियां
- घर के लिए पीएफ़ एडवांस, केवल पहले घर की खरीद/निर्माण के लिए व एक बार ही लिया जा सकता है।
- अर्जी देने वाले कर्मचारी का UAN नंबर एक्टिव और पूरा KYC व बैंक लिंकिंग होना चाहिए।
- 5 साल से कम सर्विस पर निकासी होगी तो टैक्स लागू हो सकता है; 5 साल या उससे अधिक सेवा के बाद निकासी टैक्स-फ्री होती है।
- निकासी के समय बैंक अकाउंट और आधार की डिटेल्स आपको अपडेट रखनी होगी।
- अगर आपने घर खरीदने के लिए पीएफ़ निकासी कर ली है, तो भविष्य में इसी मकसद के लिए दोबारा सुविधा नहीं मिल सकेगी।
निष्कर्ष – क्या आपको ये बदलाव लाभ देंगे?
अगर आप युवा प्रोफेशनल हैं या अब तक आप किराए के घर में रह रहे थे, तो ये रिफॉर्म खासकर आपके लिए वरदान हो सकते हैं। जल्दी फंड एक्सेस, ज्यादा निकासी लिमिट, ऑनलाइन प्रोसेस व कम दस्तावेज़ घर के सपने को हकीकत में बदलने में बड़ी भूमिका निभाएंगे।
साथ ही, मेडिकल और अन्य इमरजेंसी स्थितियों में ऑटो सेटलमेंट के तहत फंड की त्वरित उपलब्धता आपकी जिंदगी को आसान बना सकती है।
सुझाव:
घर खरीदने की योजना से पहले अपने पीएफ़ खाते की सही स्थिति, लाभ-हानि, और टैक्स नियमों का भलीभांति मूल्यांकन कर लें। हर कर्मचारी की परिस्थितियों के आधार पर विशिष्ट नियम लागू होते हैं, इसलिए अंतिम निर्णय से पहले EPFO पोर्टल/SRO या संबंधित बैंक से सलाह अवश्य लें।
नोट:
ईपीएफ़ के नए नियम आपकी वित्तीय योजनाओं को सशक्त बनाने, और “अपना घर–अपना सपना” पूरा करने की संभावनाओं को नई उड़ान देते हैं। सही जानकारी और प्लानिंग के साथ, आप भी इनका ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सकते हैं!