भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम ने अर्जेंटीना के रोसारियो में खेले जा रहे चार देशों के जूनियर महिला हॉकी टूर्नामेंट के अपने पांचवें मुकाबले में एक जबरदस्त जीत दर्ज की है। टीम ने उरुग्वे को रोमांचक शूटआउट में 3-1 से हराकर अपनी मजबूत रणनीति और शानदार खेल कौशल का परिचय दिया।
मूल मैच का समय 2-2 की बराबरी पर खत्म हुआ था, जिसमें भारत ने दमदार शुरुआत करते हुए पहले ही हाफ में 2-0 की बढ़त हासिल कर ली थी। उप-कप्तान हिना ने 10वें मिनट में गोल करके टीम का खाता खोला। इसके बाद 24वें मिनट में लालरिनपुई ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन दिखाते हुए स्कोर को 2-0 कर दिया। भारत की आक्रामकता और टीमवर्क इस दौरान साफ नजर आया।
हालांकि, उरुग्वे ने अंतिम क्वार्टर में वापसी का जज्बा दिखाया। उन्होंने 54वें मिनट में इनेस डी पोसादास और 57वें मिनट में मिलाग्रोस सेगल के गोल की मदद से तीन मिनट के भीतर ही मैच को 2-2 की बराबरी पर ला खड़ा किया। इस तरह मैच एक रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया और दोनों टीमों के बीच निर्णायक शूटआउट का रास्ता खुल गया।
शूटआउट में भारतीय टीम ने अपने संयम और आत्मविश्वास से विपक्षी टीम को पीछे छोड़ दिया। गीता, कनिका और लालथंतलुगी ने अपने-अपने मौके भुनाकर लगातार तीन गोल किए, जबकि उरुग्वे केवल एक बार ही गोल कर सकी। इस तरह भारत ने 3-1 के अंतर से शूटआउट में जीत हासिल कर टूर्नामेंट में अपना दबदबा कायम रखा।
इस जीत के बाद भारतीय टीम का मनोबल काफी ऊंचा हो गया है और अब उनकी नजरें रविवार को मेजबान अर्जेंटीना के खिलाफ होने वाले मुकाबले पर टिकी हैं। यह मैच भारतीय समयानुसार सोमवार को खेला जाएगा और इसे लेकर टीम में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है।
टीम की मुख्य विशेषताएं:
- उप-कप्तान हिना की आक्रामक शुरुआत और गोल करने की क्षमता
- लालरिनपुई का दबदबा बनाकर रखना और निर्णायक गोल
- शूटआउट में गीता, कनिका और लालथंतलुगी की शानदार प्रदर्शन
- टीम की मानसिक मजबूती और दबाव में भी संयम बनाए रखना
अगले मैच की उम्मीदें:
अर्जेंटीना के खिलाफ मुकाबला आसान नहीं होगा, क्योंकि मेजबान टीम का होम ग्राउंड फायदा भी रहेगा। लेकिन भारत की जूनियर महिला हॉकी टीम ने अपनी क्षमता और मेहनत से यह दिखा दिया है कि वे किसी भी चुनौती को स्वीकार करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। यह मैच भारतीय हॉकी प्रेमियों के लिए बेहद रोमांचक और उम्मीदों से भरा होगा।
निष्कर्ष:
भारत की जूनियर महिला हॉकी टीम की यह जीत न सिर्फ टूर्नामेंट में उनकी मजबूत उपस्थिति का संकेत है, बल्कि भारतीय हॉकी के भविष्य के लिए भी एक उज्जवल संकेत है। टीम ने साबित कर दिया है कि वे बड़े मंच पर दबाव में भी बेहतरीन प्रदर्शन कर सकती हैं और देश का नाम गौरवान्वित कर सकती हैं।