15 महीनों से चल रहे संघर्ष के बाद, इसराइल और हमास के बीच समझौता एक महत्वपूर्ण सफलता के रूप में देखा जा रहा है। यह युद्ध 7 अक्टूबर 2023 को जब हमास ने इसराइल पर हमला किया था, शुरू हुआ था। इस समझौते का दोनों पक्षों के लिए क्या अर्थ है, आइए जानते हैं।
इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा है कि समझौते के कई पहलू अब भी अनसुलझे हैं, जिन पर विचार किया जा रहा है। फिलहाल, समझौते के बारे में विस्तृत जानकारी साझा नहीं की गई है, लेकिन इसके तहत ग़ज़ा में युद्धविराम होगा और इसके बाद बंधकों और कैदियों का आदान-प्रदान होगा।
अक्टूबर 2023 में हमास द्वारा इसराइल पर हमला किए जाने के दौरान 251 लोग बंधक बनाए गए थे, और अब भी हमास के पास 94 बंधक हैं, जिनमें से इसराइल का मानना है कि केवल 60 जीवित हैं। समझौते के तहत, इसराइल करीब 1,000 फ़लस्तीनी क़ैदियों को रिहा करने पर सहमत हो सकता है, जिनमें से कुछ लंबे समय से इसराइली जेलों में बंद हैं।
समझौते की शुरुआत तीन चरणों में होगी, और इसे इसराइल की सुरक्षा कैबिनेट से मंजूरी मिलनी बाकी है। क़तर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने कहा कि कैबिनेट द्वारा मंजूरी मिलने पर इसे रविवार से लागू किया जा सकता है।
पहला चरण: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के अनुसार, यह चरण छह सप्ताह तक चलेगा और इसमें पूर्ण युद्धविराम होगा। हमास बंधकों को रिहा करेगा, जबकि इसराइल फ़लस्तीनी क़ैदियों को छोड़ देगा। इस दौरान, इसराइली सैनिक ग़ज़ा से बाहर निकल जाएंगे, और फ़लस्तीनी अपने घरों को लौट सकेंगे। इसके साथ ही ग़ज़ा में मानवीय सहायता में वृद्धि होगी।
दूसरा चरण: इस चरण में जीवित बचे बंधकों और उनके बदले में फ़लस्तीनी क़ैदियों को रिहा किया जाएगा। इसराइल ने लगभग 1,000 क़ैदियों को छोड़ने पर सहमति दी है, जिसमें कई ऐसे लोग भी शामिल हैं जो लंबी सजा काट रहे हैं। इसराइल का कहना है कि हत्या के दोषियों को नहीं छोड़ा जाएगा। इसके साथ ही, ग़ज़ा से इसराइली सैनिकों की पूरी वापसी भी होगी।
तीसरा चरण: इसमें ग़ज़ा का पुनर्निर्माण किया जाएगा, जो कई सालों तक चल सकता है। इस चरण में हमास द्वारा मारे गए बंधकों के शव भी इसराइल को सौंपे जाएंगे।
समझौते के लागू होने के बाद, ग़ज़ा में एक अस्थायी प्रशासन के गठन पर विचार किया जा रहा है, क्योंकि इसराइल और हमास के बीच विश्वास की कमी बनी हुई है। युद्धविराम को लेकर दोनों पक्षों की शर्तें अब भी अस्पष्ट हैं, और यह भी स्पष्ट नहीं है कि ग़ज़ा पर किसका शासन होगा।
7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इसराइल पर किए गए हमले में सैकड़ों लोग मारे गए थे और 250 से अधिक बंधक बनाए गए थे। इसके बाद इसराइल ने जवाबी हमले शुरू किए, जिससे ग़ज़ा में भारी तबाही मची और लाखों लोग बेघर हो गए।
यह समझौता क्या स्थायी शांति की ओर कदम है, या यह सिर्फ एक अस्थायी समाधान है, यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है।