लखनऊ से एक और दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक दलित महिला सफाईकर्मी ने अपने सुपरवाइजर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला ने पुलिस को बताया कि उसके सुपरवाइजर ने तीन महीने से रुकी हुई सैलरी का भुगतान करने के बदले उसे अवैध संबंध बनाने के लिए दबाव डाला। जब महिला ने इसका विरोध किया और इनकार किया, तो सुपरवाइजर ने उसे झूठे केस में फंसाने और बदनाम करने की धमकी दी।
यह घटना कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले शोषण और दलित समुदाय के प्रति भेदभाव की ओर गंभीर सवाल उठाती है। महिला ने कहा कि वह इस मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न को सहन नहीं कर पाई और अंततः न्याय की मांग के लिए प्रशासन के पास पहुंची। उसकी शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, और अधिकारियों ने आरोपों की सत्यता की पुष्टि करने के लिए संबंधित स्थानों पर छानबीन शुरू कर दी है।
मामला इस तथ्य को भी उजागर करता है कि आज भी समाज के कुछ हिस्सों में जातिवाद और लिंग भेदभाव के कारण कामकाजी महिलाओं और विशेषकर दलित महिलाओं के साथ भेदभाव होता है। प्रशासन ने इस मामले में सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है, और पीड़िता को न्याय दिलाने की कोशिश की जा रही है।
अभी तक, सुपरवाइजर पर कोई आधिकारिक कार्रवाई नहीं की गई है, लेकिन जांच पूरी होने के बाद जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाने की उम्मीद जताई जा रही है। महिला ने अपने साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज उठाते हुए यह मामला दर्ज कराया है और अब वह न्याय की उम्मीद कर रही है।