हर साल लाखों युवा SSC (Staff Selection Commission) के एग्जाम्स में भाग लेकर सरकारी नौकरी के सपने देखते हैं। लेकिन 2025 के SSC Phase 13 Exam ने कड़ी मेहनत करने वाले लाखों छात्रों को भारी निराश किया। इस बार परीक्षा के आयोजन में इतनी गंभीर गड़बड़ियां, गलत मैनेजमेंट, तकनीकी फेल्योर और पेपर लीक जैसी घटनाएं हुईं कि पूरा देश हिल गया। छात्र आक्रोशित हैं और पूरा सिस्टम सवालों के घेरे में है।
SSC Phase 13 Exam में किन-किन तरह की गड़बड़ियां हुईं?
1. पेपर लीक और प्रश्नों की दोहराव
SSC Phase 13 Exam शुरू होने से पहले ही छात्रों के बीच पेपर लीक होने की खबरें वायरल हो चुकी थीं। कई छात्रों ने परीक्षा के बाद बताया कि 60-70% सवाल पिछले शिफ्ट से मैच कर रहे थे, जिससे निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे।
2. तकनीकी समस्याएं: सिस्टम हैंग और सर्वर डाउन
परीक्षा के समय कई केंद्रों में कंप्यूटर सिस्टम बार-बार हैंग होते रहे, कभी-कभी सर्वर डाउन हो जाने से छात्रों का समय बर्बाद हो गया। कई बार उपकरण (माउस, पेन आदि) इतने खराब दिए गए थे कि सही से उत्तर देना भी मुश्किल था। छात्रों को परीक्षा के बीच 10-15 मिनट का नुकसान हुआ, जिससे उनके आत्मबल को भी ठेस पहुंची।
3. परीक्षा केंद्र की बदहाली
कई छात्रों को बहुत दूरदराज, सुनसान या दुर्गम इलाके में केंद्र मिला। कभी-कभी तो सेंटर किसी खेत, पुराने मकान, या ऐसी जगह पर थे जहां मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं थीं। कहीं-कहीं परीक्षा हॉल में पंखे नहीं थे, कुर्सियां टूटी हुई थीं, पानी और वाशरूम जैसी बुनियादी चीजें उपलब्ध नहीं थीं। कुछ केंद्रों पर तो स्टूडेंट्स को पहुंचने के लिए 5-10 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा और कोई साधन तक उपलब्ध नहीं हुआ।
4. स्टाफ की लापरवाही और सुरक्षा में चूक
कई केंद्रों में इनविजिलेटरों ने समस्या की अनदेखी की। कई बार वे खुद फोन चला रहे थे और छात्रों की शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया। जब छात्रों और शिक्षकों ने आवाज उठाई, तो कुछ जगह पुलिस ने बल प्रयोग किया। कई केंद्रों में बाउंसर तैनात किए गए, जिससे छात्रों में भय का माहौल बन गया। कई छात्र-शिक्षकों के साथ अभद्रता की भी खबरें सामने आईं।
5. रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में परेशानियां
एडमिट कार्ड जारी करने में भी काफी गड़बड़ी रही। परीक्षा से सिर्फ दो दिन पहले तक एडमिट कार्ड जारी नहीं हुआ था, और कहीं-कहीं छात्रों को खाली/ब्लैंक एडमिट कार्ड मिले। कई परीक्षार्थियों को उनके चयनित शहर से हजारों किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र मिला, जिससे समय और पैसे दोनों की बर्बादी हुई।
जिम्मेदारी किसकी है?
SSC अपने एग्जाम्स खुद कंडक्ट नहीं करती, बल्कि वेंडर कंपनियों को ठेका देती है। 2025 में यह ठेका एडिक्विटी करियर टेक्नोलॉजीज प्रा. लि. नामक कंपनी को दिया गया। यह कंपनी पहले भी विवादों में रही। 2020 में ही इसे इनएलिजिबल घोषित किया गया था, लेकिन फिर भी सरकारी एजेंसियां इसे ही ठेका देती रहीं।
- कई राज्यों में इस कंपनी द्वारा कराए गए एग्जाम्स (जैसे MP TET, MP पटवारी, MAH CET) में अनियमितता, पेपर लीक, सब-कॉन्ट्रैक्टिंग जैसी गंभीर शिकायतें आई थीं।
- SSC ने भी मात्र सबसे कम बोली लगाने के कारण इस पर भरोसा किया, जबकि छात्रों के भविष्य की कीमत पर यह निर्णय गलत साबित हुआ।
सोशल मीडिया और छात्रों का आंदोलन
परीक्षा के बाद हर तरफ #SSCProtest, #SSCReform जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब पर देशभर के स्टूडेंट्स ने अपने अनुभव और गुस्सा जाहिर किया। कई कोचिंग टीचर्स, यूट्यूबर्स ने छात्रों का समर्थन किया और सरकार के रवैये की आलोचना की। दिल्ली में हजारों छात्र और शिक्षक प्रोटेस्ट के लिए जमा हुए, जहाँ पुलिस द्वारा लाठीचार्ज और गिरफ्तारी की घटनाएं भी हुईं।
मुख्य छात्र-शिक्षक मांगे
- एडिक्विटी कंपनी से परीक्षा संचालन का ठेका तुरंत वापस लिया जाए।
- पुरानी विश्वसनीय कंपनी (TCS) या खुद SSC को इन परीक्षाओं का सॉफ्टवेयर और व्यवस्था विकसित करने का अवसर दिया जाए।
- वेंडर चुने जाने का तरीका पारदर्शी बनाया जाए, जांच हो।
- जिन छात्रों का नुकसान हुआ, उनके लिए सरकार के खर्च पर दोबारा परीक्षा आयोजित कराई जाए।
पूरे सिस्टम पर सवाल
SSC Phase 13 Exam में गड़बड़ी कोई पहली बार नहीं है। इससे पहले कई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय सरकारी भर्तियों में भी पेपर लीक, भ्रष्टाचार, रिजल्ट बदलाव या अनियमितता की शिकायतें आती रही हैं — जैसे UPSC, IBPS, रेलवे, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के विभिन्न एग्जाम्स। यह देश के पूरे रिक्रूटमेंट सिस्टम पर ही सवालिया निशान है।
राजनीतिक दलों ने भी इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना की है। विपक्ष के नेताओं ने सोशल मीडिया पर सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए, जबकि सरकार ने कोई ठोस बयान नहीं दिया है।
निष्कर्ष और संदेश
SSC Phase 13 Exam की यह घटना लाखों युवाओं और उनके परिवार के लिए गहरा झटका रही। एक साल की मेहनत, उम्मीद और तैयारी एक झटके में बर्बाद हो गई। ऐसे समय में जरूरी है कि:
- छात्र और अभिभावक उम्मीद न छोड़ें — सिस्टम बदलने के लिए एकजुट रहें।
- सरकार और परीक्षा एजेंसियों को पारदर्शिता, निष्पक्षता और तकनीकी गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए।
- याद रखें, एक एग्जाम न तो आपकी काबिलियत को तय करता है और न ही भविष्य को। मेहनत जारी रखें, संघर्ष जरूर रंग लाएगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
उत्तर: पेपर लीक, तकनीकी फेल्योर, खराब परीक्षा केंद्र, रजिस्ट्रेशन दिक्कतें और स्टाफ की लापरवाही।
उत्तर: अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं है, लेकिन छात्र लगातार मांग कर रहे हैं।
उत्तर: छात्रों और विशेषज्ञों की मांग है कि कॉन्ट्रैक्ट TCS या SSC को दिया जाए, लेकिन निर्णय SSC और सरकार के हाथ में है।
उत्तर: हां, UPSC, IBPS, रेलवे, MP TET, MAH CET आदि परीक्षाओं में भी बीते वर्षों में घोटाले व अनियमितता के मामले सामने आए हैं।